Sri Guru Granth Sahib Page 168
Shabad sung in Raag Gauri Bairagan
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Shabad Video:
Commentary on this Shabad by Rana Inderjit Singh
Shabad Audio: Naam Millai Chalai Mai Naal … Raag Gauri Dakhnee
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Shabad Interpretation in Hindi:
जिस के मिलन से मन मे आनंद उत्पन हो, मन की दुभिदा समाप्त हो जाए और परमात्मा के मिलाप की उतम अवस्था का अनुभव हो उसी को सच्चा गुरु कहा जा सकता है. हे भाई, जरा बताओ तो मुझे, ऐसा सच्चा गुरु मुझे किस उपाव से मिल सकता हे ? मैं उस मानुष को जो मुझे यह बता दे, हर पल नमन करता हूँ. परमात्मा की किरपा से जिस मानुष को पूरण गुरु की प्राप्ती हो जाती हे, वोह गुरु के चरण सपरश से ही हर इच्छा मुक्त हो जाता हे. हे भाई, जो व्यक्ती हरी भगती में लीन रहते हैं उन्ही को पूरण गुरु की प्राप्ती होती है और उनहे कोइ कमी महसूस नहीं होती और हर समय परमात्मा की किरपा द्रिष्टी के पात्र होते हैं. हे नानक, जिस गुरु का मन आत्मक प्रशंता से भरपूर हो जाता है उस के अन्दर परमात्मा के मोह के बिना और कुछ नहीं होता. ऐसे गुरु से मिल कर मनुष सभी विकारों से मुक्त हो जाता हे और परमात्मा के गुण गायन में वलीन हो जाता हे.
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